असफलता का सामना कैसे करें? || How to face
failure in children?
आजकल बच्चों में एग्जाम और बिहेवियर में अच्छा करने का दबाव बना रहता है। उनसे उम्मीद की जाती है कि वो जो भी काम करेंगे उसमें सबसे अच्छा करें पर ऐसा देखा गया है कि जब बच्चा किसी काम को करने में असफल होता है, तो उसमे बहुत तेजी से निराशा की भावना बढने लगती है और उसके बिहेवियर में बदलाव होने लगते है।
क्या क्या होते है बदलाव
- बच्चा किसी भी काम को करने से पहले डरा रहता है और सोचने लगता है कि उससे काम नहीं हो पाएगा।
- उसे लगता है कि काम में असफल होने पर उसका अपमान होगा। टीचर उसको मारेगी या दोस्त बुरा बोलेंगे और हसेंगे या घर में मम्मी पापा भी उसे डाटेंगे।
- बच्चा लोगों से मिलना कम कर देता है और ज्यादा समय अकेले रहना पसंद करता है।
- क्लास वर्क या होम वर्क न करना या बहाने बनाना।
क्या करें
मोटीवेट करें- बच्चे को सफलता असफलता दोनों के बारें में बताएं। उसे बताएं की असफलता होने पर क्या करना चाहिए और उससे कोई ऐसी बात न करे की जिससे वो डरे, बच्चे को बताएं की उसका जो भी रिजल्ट होगा आप उसको सपोर्ट करेंगे।अच्छे काम की तारीफ करें- हमेशा बच्चे की कमियां और गलतियां ढूढंने की आदत से हम पेरेंट्स को बचना चाहिए। कोशिश करे की उन बातों को ढूंढे जिस पर बच्चे की तारीफ हो सके।
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