वज्रासन कैसे करें? इसके फायदे? | Vajrasana Steps and Benefits in Hindi | How to do Vajrasana yoga
हेलो, दोस्तों आप सभी का स्वागत है | आज के इस आर्टिकल "Vajrasana कैसे करें? इसके फायदे? | Vajrasana Steps and Benefits in Hindi | How to do Vajrasana yoga" में हम आपसे Vajrasana से संबंधित कुछ चीजें शेयर करने वाले हैं | जैसे कि Vajrasana कैसे करते हैं? Vajrasana क्या है? Vajrasana से होने वाले Benifits और इसमें बरती जाने वाली सावधानी क्या-क्या है | तो चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से सब कुछ जानते हैं |
Vajrasana का अर्थ है बलवान स्थिति | पाचन शक्ति, वीर्य शक्ति तथा स्नायु शक्ति देने वाला होने से यह आसन वज्रासन(Vajrasana) कहलाता है | ध्यान मूलाधार चक्र में और श्वास दीर्घ |
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वज्रासन करने की विधि (Vajrasana yoga karne ki vidhi) - How to do Vajrasana yoga.
- बिछे हुए आसन पर दोनों पैर को घुटने से मोड़कर दोनों एड़ियों पर बैठ जाएँ |
- पैर को दोनों अंगूठे से परस्पर लगा कर रखे |
- पैर के तलवो के ऊपर नितम्ब रहे |
- कमर और पीठ बिलकुल सीधी रहे, दोनों हाथ को कुहनियों से मोड बिना घुटने पर रख दीजिये |
- हथेलियों को निचे की और रखिये |
- दृष्टि सामने स्थिर कर दें |
- ५ मिनट से लेकर आधे घंटे तक वज्रासन (Vajrasana) का अभ्यास कर सकते है |
- वज्रासन (Vajrasana) लगाकर पीछे की तरफ भूमि पर लेट जाने से सुप्त वज्रासन (Supt Vajrasana) होता है |
वज्रासन के लाभ (Vajrasana yoga ke fayde) Benefits of Vajrasana yoga in Hindi.
- Vajrasana के अभ्यास से शरीर का मध्य भाग सीधा रहता है |
- Vajrasana श्वास की गति मंद पड़ने से वायु बढ़ती है |
- आँखों की ज्योति तेज होती है |
- वज्रनाड़ी अर्थात वीर्यधारा नाड़ी Vajrasana से मजबूत बनती है |
- वीर्य की ऊर्ध्वगति होने से शरीर वज्र जैसा बनता है |
- लम्बे समय तक सरलता से यह आसन किया जा सकता है |
- Vajrasana से मन की चंचलता दूर होकर व्यक्ति स्थिर बुद्धि वाला बनता है |
- शरीर में रक्ताभिसरण ठीक से होता है जिससे शरीर निरोगी एवं सुंदर बनता है |
- भोजन के बाद इस आसन में बैठने से पाचनशक्ति तेज होती है,भोजन जल्दी हजम होता है |
- Vajrasana के अभ्यास से पेट की वायु का नाश होता है |
- कब्ज दूर होकर पेट के तमाम रोग नष्ट होते है |
- पांडुरोग से मुक्ति मिलती है |
- Vajrasana se रीड, कमर,जांघ, घुटने और पैरों में शक्ति बढ़ती है | कमर और पैर का वायु रोग दूर होता है |
- स्मरणशक्ति में वृद्धि होती है |
- स्त्रियों के मासिक धर्म की अनियमितता जैसे रोग दूर होते है |
- Vajrasana ke benefits - शुक्रदोष, वीर्यदोष, घुटनो का दर्द आदि का नाश होता है |
- स्नायु पुष्ट होते है | स्फूर्ति बढ़ने के लिए एवं मानसिक निराशा दूर करने के लिए यह आसन उपयोगी है |
- ध्यान के लिए यह आसन उत्तम है |
- Vajrasana ke अभ्यास से शारीरिक स्फूर्ति एवं मानसिक प्रसन्नता प्रकट होती है |
- दिन प्रतिदिन शक्ति का संचय होता होता है इसलिए शारीरिक बल में खूब वृद्धि होती है |
- काग का गिरना अर्थात गले के टांसिल्स, हड्डियों के पोल आदि स्थानों में उतपन्न होने वाले श्वेतरक्त की संख्या में वृद्धि होने से आरोग्य का साम्राज्य स्थापित होता है | फिर व्यक्ति बुखार से, सिरदर्द से, कब्ज से, मंदाग्नि या अजीर्ण जैसे छोटे-छोटे किसी भी रोग से पीड़ित नहीं रहता, क्योकि रोग आरोग्य के साम्राज्य में प्रविष्ट होने साहस ही नहीं कर पाते |
Final words - So you can try this Vajrasana Yoga and take benefits by this health article "वज्रासन कैसे करें? इसके फायदे? | Vajrasana Steps and Benefits in Hindi | How to do Vajrasana yoga" thank you...
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