सपनों को फॉलो करने में हमेशा से मेरा विश्वास रहा है और यही वजह है मैं इस दिशा में पूरे पैशन और मेहनत से आगे बढ़ा। मेरा मानना है कि अपना काम पूरा ध्यान लगाकर करने की वजह से ही आज मैं इस मुकाम पर हूं। अब तक के अपने सफर से मैंने सीखा है कि आपका अचीवमेंट चाहे कुछ भी हो आपको अपने सपनों के साथ कभी समझौता नहीं करना चाहिए। मैंने अपनी फॉर्मल पढ़ाई बारहवीं तक ही की है। फैमिली ने बहुत समझाया कि अपनी ग्रेजुएशन पूरी कर लूं लेकिन मैं नहीं माना। दरअसल मैं ठान चुका था कि मुझे एक्टिंग में ही अपना कॅरिअर बनाना है और अगर मैं सफल नहीं हुआ तो एडिटर, सिनेमैटोग्राफर, या राइटर कुछ भी बन जाऊंगा लेकिन इंडस्ट्री में अपने लिए जगह बना ही लूंगा। यह भी समझ गया था कि इसमें ग्रेजुएशन की डिग्री मेरे किसी काम नहीं आने वाली है। अब जब मैं जीवन में पीछे मुड़कर देखता हूं तो लगता है कि मैंने जो कुछ किया वह ठीक ही किया। जब आप अपने साथ ईमानदार होते हैं और धारणाओं के साथ कोई समझौता नहीं करते तो जीवन खुद-ब-खुद आपके लिए सफलता के रास्ते खोल देता है। हालांकि इन रास्तों पर चलने के लिए आपको दूसरों से कहीं ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।
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Aamir khan's success secret |
Aamir khan's success secret | आमिर खान की सफलता का राज़
बॉलीवुड एक्टर आमिर मानते हैं कि कामयाबी का एक ही फॉर्मूला है, आप जो करें उससे प्यार करें
मेरे लिए काम को लगन के साथ करना जरूरी
मेरे लिए काम को लगन के साथ करना जरूरी
मैं स्ट्रैटजीज बनाने में यकीन नहीं करता। मेरे लिए किसी भी काम को करने का एक ही फॉर्मूला है कि मैं अपने काम से प्यार करता हूं। मुझे कभी इस बात का अंदाजा नहीं था कि मेरा काम चीन और हाॅन्ग कॉन्ग जैसे देशों में भी पसंद किया जाएगा लेकिन यह सब होता चला गया। मैं इसके लिए शुक्रगुजार महसूस करता हूं और हर नए काम को अधिक लगन और विश्वास के साथ करता हूं। मेरे लिए आॅडियंस की संख्या मायने नहीं रखती है बल्कि कितने लोगों ने मुझे पसंद किया यह मेरे लिए सबसे अहम है। काम करते वक्त मेरी मंशा कोई भी बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम करने की नहीं बल्कि यह होती है जो मेरा काम देखे वह उसे एंजॉय करे।
सही गलत का निर्णय खुद ही लेना होगा
मैंने बहुत जल्दी यह सीखा की मुझे कौन से प्रोजेक्ट करने चाहिए और कौनसे नहीं। फिर मैंने अपने हर प्रोजेक्ट से पहले खुद से पूछना शुरू किया कि मैं वह काम वाकई करना चाहता हूं या किसी दबाव में कर रहा हूं। ऐसा इसलिए कि किसी भी काम को हां कहने का मतलब है कि आप कम से कम अगले दो साल उस काम को करते हुए बिताएंगे। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप अपने काम के प्रति सजग रहें और जो करें पूरी सजगता के साथ करें। जब मैं लगान फिल्म बना रहा था तो काफी असमंजस की स्थिति थी। विषय को देखते हुए यह बहुत बड़ा रिस्क था। उस तरह की फिल्म के लिए हां करना एक मुश्किल निर्णय था लेकिन यह निर्णय मुझे लेना था। आखिरकार वह प्रयोग सफल रहा। लगभग हर फिल्म के पहले मैं इसी स्थिति से गुजरता हूं। इन्हीं स्थितियों ने मुझे निर्णय लेना भी सिखाया है।
Thank you
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